NCERT Class 3 Veena (Hindi) Book 2025-26

Veena

भारतीय शिक्षा प्रणाली में, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की पुस्तकें एक आधारशिला का काम करती हैं। हाल ही में, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत, NCERT ने प्राथमिक कक्षाओं के लिए अपनी पाठ्यपुस्तकों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। कक्षा 3 के लिए हिंदी की नई पाठ्यपुस्तक 'वीणा' (Veena) इसी बदलाव का एक सुंदर उदाहरण है।

यह पुस्तक मात्र अक्षरों और कहानियों का संग्रह नहीं है; यह छोटे बच्चों को भाषा और जीवन मूल्यों से जोड़ने का एक सुरमयी सफ़र है। आइए, इस नई और मनोरम हिंदी पाठ्यपुस्तक 'वीणा' की गहराई में उतरें और जानें कि यह हमारे नन्हे पाठकों के लिए क्या खास लेकर आई है।




'वीणा' का अर्थ और उसका शैक्षिक महत्व

'वीणा' एक प्राचीन भारतीय संगीत वाद्य यंत्र है, जो ज्ञान और कला की देवी सरस्वती से जुड़ा है। नामकरण अपने आप में संकेत देता है कि यह पुस्तक केवल भाषा सिखाने तक सीमित नहीं है, बल्कि बच्चों के जीवन में ज्ञान, लय और रचनात्मकता का संचार करेगी।

नई NCERT पाठ्यपुस्तकें, जैसे 'वीणा', NEP 2020 के दिशानिर्देशों पर आधारित हैं, जो रटने की प्रणाली से हटकर समझ-आधारित और अनुभवात्मक शिक्षण पर जोर देती हैं।


पाठ्यक्रम की बनावट: विविधता और समावेश

'वीणा' की सबसे बड़ी विशेषता इसका विविध और समावेशी पाठ्यक्रम है। यह बच्चों को भारत की सांस्कृतिक और भौगोलिक विविधता से परिचित कराती है, साथ ही उन्हें महत्वपूर्ण जीवन कौशल भी सिखाती है।

1. विषय-वस्तु का इंद्रधनुष:

'वीणा' में कविता, कहानी, एकांकी (नाटक), और संवाद (Conversation) का एक खूबसूरत मिश्रण है। इसके कुछ प्रमुख विषय और अध्याय (हाल के संस्करण के अनुसार) निम्नलिखित हैं:

  • नैतिक शिक्षा (Moral Values): 'सीखो' जैसी कविताएँ और 'बीरबल की खिचड़ी' जैसी कहानियाँ बच्चों को अच्छाई, बुद्धिमत्ता और मेहनत का मूल्य सिखाती हैं।
  • प्रकृति और पर्यावरण (Nature and Environment): 'बया हमारी चिड़िया रानी!', 'आम का पेड़', और 'पेड़ों की अम्मा 'थिमक्का'' जैसे पाठ बच्चों को प्रकृति से प्रेम और पर्यावरण संरक्षण का महत्व बताते हैं।
  • वैज्ञानिक चेतना और नवाचार (Scientific Awareness): 'चंद्रयान (संवाद)' जैसा पाठ बच्चों को समकालीन वैज्ञानिक उपलब्धियों से जोड़ता है, जिससे उनमें जिज्ञासा और वैज्ञानिक सोच विकसित होती है।
  • सांस्कृतिक विविधता (Cultural Diversity): 'प्रकृति पर्व - फूलदेई' जैसे पाठ बच्चों को भारत के विभिन्न क्षेत्रों के त्योहारों और परंपराओं से परिचित कराते हैं।
  • व्यक्तिगत विकास और सामाजिक कौशल (Personal & Social Skills): 'मित्र को पत्र' लेखन कला सिखाता है, और 'अपना-अपना काम' श्रम के महत्व और सामाजिक सहयोग को समझाता है।

2. सहज भाषा-शैली और चित्रकला:

पुस्तक की भाषा सरल, सहज और बच्चों के अनुकूल है। कठिन शब्दों का प्रयोग कम है, और जहाँ है, वहाँ संदर्भ द्वारा स्पष्टीकरण दिया गया है। इसके अलावा, रंगीन और आकर्षक चित्रकारी (Illustrations) हर पाठ को जीवंत बना देती है, जिससे बच्चों का ध्यान तुरंत आकर्षित होता है।


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